Viraj Bahl की सफलता की कहानी: कंपनी बिकी, रेस्टोरेंट हुआ फेल, फिर भी नहीं मानी हार, घर बेचकर बनाई 1000 करोड़ की कंपनी
Viraj Bahl Success Story: विराज बहल जिन्हें आज हम सॉस बनाने वाली कंपनी वीबा फूड्स (Veeba Foods) के संस्थापक के रूप में जानते हैं, भारत के सफल उद्यमियों में से एक है। इन दिनों वो शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 में नजर आ रहे हैं। उन्होंने भारतीय फूड इंडस्ट्री को एक नया रुप दिया है, लेकिन विराज की राह आसान बिल्कुल भी नहीं थी।
कई बार वो असफल हुए, एक समय तो ऐसा भी था, जब उनके पास पैसों की इतनी कमी थी कि उन्हें अपना घर भी बेचना पड़ा, लेकिन आर्थिक तंगी से परेशान होकर उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने हर परिस्थिति का डटकर सामना किया और आज एक सफल बिजनेस मैन बनकर सबसे सामने आए। अब विराज बहल ने कैसे इस सफलता को हासिल किया, उनके जीवन में कौन-कौन से उतार-चढ़ाव आए, चलिए जानते हैं…
नौकरी छोड़कर जॉइन किया फैमली बिजनेस

विराज एक बिजनेस फैमली से आते हैं। उनके पिता Fun Foods कंपनी के मालिक थे। विराज बचपन में अपने पिता के साथ फैक्ट्री जाते थे, इसी दौरान उन्हें फूड प्रोसेसिंग बिजनेस में रुचि होने लगी।
लेकिन विराज के पिता राजीव बहल चाहते थे, कि वे बिजनेस में आने से पहले खुद को आर्थिक रुप से सक्षम बनाएं। इसी लिए मरीन इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने के बाद विराज एक अच्छी नौकरी करने लगे। नौकरी अच्छी चल रही थी, लेकिन विराज का मन अभी भी उनके फैमली बिजनेस में ही लगा हुआ था। आखिरकार 2002 में अपने पिता से अनुमति लेकर उन्होंने अपने फैमली बिजनेस को जॉइन कर लिया।
विराज की मर्जी के खिलाफ पिता को बेचनी पड़ी कंपनी
फैमली बिजनेस जॉइन करने के बाद विराज अपने पिता राजीव की सहायता करने लगे। उनके पिता राजीव बहल के नेतृत्व में कंपनी तेजी से ग्रोथ कर रही थी। उस समय फन फूड्स भारत का एक जाना-माना ब्रांड बन गया था। लेकिन 2008 में सबकुछ बदल गया।
कुछ कारणों के चलते 2008 में विराज के पिता ने फन फूड्स को जर्मनी कंपनी डॉ. ओटकर को 110 करोड़ रुपये में बेच दिया। विराज अपने पिता के इस फैसले के खिलाफ थे, लेकिन वो कुछ नहीं कर पाए, और आखिरकार कंपनी बिक गई ।
रेस्टोरेस्ट का बिजनेस खोला पर नुकसान झेलना पड़ा
फन फूड्स के बेचे जाने के बाद 2009 में विराजन ने ‘पॉकेट फुल’ नाम से एक रेस्टोरेंट बिजनेस शुरु किया। कुछ साल तो सबकुछ ठीक रहा, इस दौरान उनके रेस्टोरेंट के 6 आउटलेट भी खुल गए। लेकिन फिर उन्हें बिजनेस में घाटा होने लगा। नुकसान तेजी से बढ़ने लगा और उनके 6 के 6 आउटलेट बंद हो गए।
घर बैठकर पैसे जुटाए
इस नुकसान ने विराज को आर्थिक रुप से बहुत ज्यादा कमजोर कर दिया था, लेकिन विराज ने हार नहीं मानी। अपनी पत्नी के सहयोग से उन्होंने नई शुरुआत करने का फैसला किया। 2013 में फिर से बिजनेस शुरु करने के लिए उन्होंने अपना घर बेच दिया और राजस्थान के नीमराणा में वीबा फूड्स की स्थापना की। उनकी कंपनी का नाम विराज की मां ‘विभा बहल’ के नाम रखा गया। यह एक फूड प्रोसेसिंग कंपनी थी, जो सॉस बनाने का काम करती थी।
कुछा सालों में ही शुरु की 1000 करोड़ की कंपनी
गुणवत्ता और नए पन पर फोकस करते हुए वीबा जल्द ही सॉस बनाने वाली प्रमुख कंपनी बन गई। वीबा के उत्पादों में कम फैट और शुगर वाले स्वस्थ विकल्पों का विशेष ध्यान रखा गया है, जिससे यह उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हो गई और देश की बड़ी कंपनियों में शामिल हो गई। आज Veeba सॉस और कंडिमेंट्स इंडस्ट्री में एक अग्रणी ब्रांड बन गया है।
कंपनी का नेटवर्क 700 से अधिक शहरों में 1.5 लाख से ज्यादा रिटेल आउटलेट्स पर फैला हुआ है। कंपनी की 92% बिक्री रिटेल मार्केट से ही होती है। 2023-24 में कंपनी को करीब 1000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ। वर्तमान में Veeba कई बड़े निवेशकों के साथ आगे बढ़ रही है।
शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 के जज बने
बिजनेस में सफल होने के बाद विराज बहल इन दिनों फेमस रियलटी शो शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 में नजर आ रहे हैं। वह अमन गुप्ता, अनुपम मित्तल, नमिता थापर, विनीता सिंह और पीयूष बंसल जैसे जाने-पहचाने चेहरों के साथ पैनल में शामिल हुए हैं।
प्रेरणा
सफलता की सीढ़ी चढ़ना आसान नहीं है, आपके रास्ते में बहुत सी कठिनाईयां आएंगी, एक समय आपको लगने लगेगा की अब आपसे नहीं होगा। लेकिन अगर आपने इन परिस्थितियों का सामना कर लिया, तो सफलता आपके कदमों में होगी। सफलता की ऐसी ही एक कहानी आज हम आपके सामने लाए हैं।
विराज बहल की सफलता की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है, जो बिजनेस की दुनिया में कुछ बड़ा करने का सपना देख रहे हैं। उम्मीद है असफलता से सफलता की ये कहानी आपको पसंद आई होगी। अगर कहानी अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करेंं और उनका हौंसला बढ़ाएं।